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पिछले 15 सालों में टॉप म्यूचुअल फंड्स और उनका रिटर्न – Sipmantra.in |
आपने कभी सोचा है — अगर 15 साल पहले आपने हर महीने थोड़ी-सी बचत (मान लीजिए ₹1000) किसी अच्छे म्युचुअल फंड में लगा दी होती, तो आज क्या होता? यह लेख उसी सवाल का सरल और भरोसेमंद जवाब देने की कोशिश है। हम बात करेंगे कि किन टाइप के फंड्स ने पिछले 15 साल अच्छे दिए, क्यों दिया, और आप अपने लिये कैसे सोचें। यह लेख बिल्कुल आम भाषा में है — ताकि आप पढ़कर सीधे फैसला कर सकें।
Bitcoin SIP में 500₹ प्रति महिना जमा करने पर 10 लाख ₹ कैसे बनायेएक छोटी-सी शुरुआत की कहानी
2009 में दो दोस्त थे — अजय और बिपिन। दोनों ने सोचा: “आइए बचत की शुरुआत करें।” अजय ने हर महीने ₹1000 फिक्स्ड डिपॉज़िट (FD) में रखा। बिपिन ने वही ₹1000 SIP (म्युचुअल फंड) में। 15 साल बाद जब उन्होंने अपने अकाउंट खोले तो बिपिन हैरान रह गया — उसकी रकम काफी ज्यादा थी। यही कंपाउंडिंग का जादू है: समय + सही ऊपर/नीचे के बीच भी बने रहना = बड़ा फर्क।
कौन से फंड्स ने पिछले 15 साल में अच्छा दिया?
पूरे भारत में हज़ारों स्कीम हैं, पर अगर हम पिछले 15 सालों के रिकॉर्ड देखें तो कुछ कैटेगरी और कुछ खास फंड्स बार-बार ऊपर दिखते हैं — खासकर Small Cap और Mid Cap वाले। इनका रिटर्न हाई रहा है, पर उतार-चढ़ाव भी ज़्यादा रहा।
नीचे एक तालिका दी जा रही है जिसमें कुछ ऐसे फंड्स हैं जिनका लंबी अवधि पर प्रदर्शन उल्लेखनीय रहा है। (यह तालिका public performance summaries पर आधारित संक्षेप है; exact प्रतिशत समय के साथ बदल सकते हैं — इसलिए final decision से पहले official fund page चेक करें)।
Fund (उदाहरण) | Category | पिछले ~15 साल का औसत (approx.) | नोट |
---|---|---|---|
DSP Small Cap Fund | Small Cap | ~15–18% (rolling/median figures दिखते हैं) | Historically strong returns पर volatility भी रहा। |
Nippon India Small Cap Fund | Small Cap | ~16–21% (periodによ अलग) | Small cap में top performer के रूप में दिखा। |
HDFC Mid-Cap Opportunities Fund | Mid Cap | ~15–18% (long term) | Mid-cap growth देने में सक्षम। |
SBI Small Cap Fund | Small Cap | ~15–20% (since inception rolling) | बहुत समय तक अच्छा प्रदर्शन। |
ICICI Prudential Technology Fund | Sector (Technology) | ~12–20% (period dependent) | Tech sector में जोखिम-परन्तु बड़ा upside। |
Franklin India Smaller Companies | Small / Smaller Cos. | Historically strong total returns | पुराने समय में top performers में से रहा। |
(ऊपर के उदाहरणों के लिए official fund pages और financial portals देखें — कुछ sources: DSP Mutual Fund के performance pages, Nippon India fund page, HDFC fund presentations, Moneycontrol / ValueResearch data आदि)। 0
₹1000 × 180 = ₹1,80,000 — और यह कितना बन सकता है? (15 साल का असली हिसाब)
सबसे पहले बेसिक बात: 15 साल = 180 महीने। तो अगर आप हर महीने ₹1000 रखते हो तो कुल पैसा:
₹1000 × 180 = ₹1,80,000
अब यही निवेश अगर अलग-अलग औसत दरों पर चलता है तो अनुमान कुछ इस तरह देखिए:
औसत वार्षिक रिटर्न (प्रति वर्ष) | Total Invested | Estimated Final Value (approx.) | आपका लाभ (approx.) |
---|---|---|---|
8% | ₹1,80,000 | ≈ ₹3.3 लाख | ≈ ₹1.5 लाख |
12% | ₹1,80,000 | ≈ ₹5.5–6 लाख | ≈ ₹3.7–4.2 लाख |
15% | ₹1,80,000 | ≈ ₹8–9 लाख | ≈ ₹6–7 लाख |
साफ बात: रिटर्न प्रतिशत में छोटा-सा अंतर भी आपके final corpus पर बहुत बड़ा असर डालता है। इसलिए ऐसा फंड चुनना जो long term में consistent रहे — वही असली जीत है।
कैसे चुनें सही म्युचुअल फंड — आसान नियम
बाजार के jargon से परेशान मत होइए, बस ये सरल नियम अपनाइए:
- लक्ष्य तय करें: आप किस लिए बचत कर रहे हैं — घर, रिटायरमेंट, या बच्चे की पढ़ाई? लक्ष्य के हिसाब से समय और risk तय करें।
- ट्रैक रिकॉर्ड देखिए: कम से कम 5–10 साल का परफॉर्मेंस देखें; 15 साल का रिकॉर्ड होना अच्छा है पर हर फंड का इतिहास अलग होता है।
- वो फंड कौन-सी कैटेगरी में है: aggressive growth चाहिए तो small/mid cap, stability चाहिए तो large cap या hybrid देखें।
- expense ratio और charges: जाल पूछताछ में छोटे छोटे चार्ज भी आज के net रिटर्न पर असर डालते हैं।
- Fund Manager और टीम: जो टीम समझकर स्टॉक्स चुनती हो, उसका स्थायी होना अच्छा संकेत है।
- डाइवर्सिफाई करें: सारे पैसे एक ही फंड में न लगाएँ — 2-3 funds में बांटना बेहतर रहता है।
- review पर ध्यान दें: हर 6-12 महीने पर रिव्यू करें—पर market के रोज़-रोज़ उतार-चढ़ाव से परेशान होकर जल्दी decision न लें।
कुछ आम गलतफहमियाँ (और सच्चाई)
गलतफहमी: जिसने पिछले साल अच्छा दिया वही हमेशा देगा।
सच्चाई: नहीं — मार्केट cyclical है। कुछ साल अच्छे रहने के बाद कुछ साल नीचे भी आ सकते हैं।
गलतफहमी: small cap हमेशा सबसे ज़्यादा देगा।
सच्चाई: small cap में return बड़ा होता है पर जोखिम भी सबसे ज़्यादा। आपकी रिस्क-कैपेसिटी देखकर ही चुनिए।
व्यावहारिक सुझाव — आज क्या करें?
अगर आप अभी शुरुआत कर रहे हैं तो:
- छोटा-सा SIP शुरू कर दें (₹500–₹1000) और रेगुलर रखें।
- अपने पोर्टफोलियो में एक large cap, एक mid/small cap और एक flexi/multi cap रखें।
- EMI-जैसे monthly discipline रखें — market timing पकड़ने की कोशिश मत करें।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल — FAQ (10 प्रश्न)
1) क्या small cap funds हमेशा सबसे ज़्यादा रिटर्न देंगे?
नहीं। लंबी अवधि में कई बार small cap ने अच्छा दिया है, पर पिछली performance पर भरोसा दिखता है कि volatility भी ज़्यादा रहेगी। आपके लिए सही वही होगा जो आपकी जोखिम सहनशीलता से मेल खाता हो।
2) मैं सिर्फ एक ही फंड में निवेश करूँ या कई में बांटूँ?
हमेशा डाइवर्सिफाई करें। 2–3 अलग कैटेगरी में बांटना बेहतर है—जैसे large cap + mid/small + flexi।
3) SIP कब बंद करूँ — market गिरने पर?
नहीं — गिरावट के समय अक्सर खरीदने का अवसर होता है। SIP को आमतौर पर जारी रखना चाहिए। पर अगर fund की बुनियाद खराब हो तो ही बदलें।
4) क्या past high returns future में भी मिलेंगे?
नहीं, past performance guarantee नहीं है। पर history से हम fund की consistency और management को परख सकते हैं।
5) कितनी बार फंड का रिव्यू करूँ?
हर 6–12 महीने पर performance और holdings देखें; जरूरत पर ही action लें।
6) SIP start करने के लिए कितना पर्याप्त है?
₹500–₹1000 से भी शुरुआत कर सकते हैं; बाद में amount बढ़ा सकते हैं।
7) क्या sector funds अच्छा विकल्प हैं?
Sector funds (जैसे टेक्नोलॉजी) में बहुत उतार-चढ़ाव हो सकता है। अगर आप sector पर गहरी समझ रखते हैं और high risk ले सकते हैं तो चुनें, वरना diversified funds लें।
8) ELSS में SIP करने से टैक्स बचता है क्या?
हाँ, ELSS में निवेश करने पर 80C के तहत टैक्स-छूट मिल सकती है; पर lock-in और other rules होते हैं।
9) म्युचुअल फंड की charges क्या देखनी चाहिए?
Expense ratio, exit load, और कोई front/back load नहीं होना चाहिए। ये आपके net returns पर असर डालते हैं।
10) अगर fund underperform कर रहा है तो क्या करूँ?
एक-दो साल का underperformance सहन किया जा सकता है पर लगातार पीछे रहने पर alternative funds देखें; abrupt switching से बचें और tax/exit costs ध्यान में रखें।
निष्कर्ष — क्या एक ही 'सबसे बढ़िया' फंड है?
सरल जवाब: नहीं। कोई एक नाम हर किसी के लिए सबसे अच्छा नहीं हो सकता। पर पिछले 15 सालों के रिकॉर्ड से यह ज़रूर कहा जा सकता है कि कुछ small/mid cap और selected sector/flexi funds ने लंबी अवधि में अच्छा wealth बनाया — पर इनके साथ अधिक जोखिम भी जुड़ा हुआ था। आपकी जीत इस बात पर निर्भर करेगी कि आप सही mix चुनते हैं, discipline रखते हैं और time को अपना ally बनाते हैं।
Disclaimer
यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से है। Sipmantra.in निवेश सलाहकार नहीं है। निवेश करने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श करें और official fund documents (scheme information document, fact sheet) जरूर पढ़ें।
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